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खुश रहने का मूल मंत्र (Basic Mantra to Be Happy)

खुश रहने का मूल मंत्र (Basic Mantra to Be Happy) एक बार दो मित्र अपने गांव तक जाने के लिए नदी को पार करने के लिए पहुंचे जहां से उन्हें नाव में बैठकर नदी को पार करना था दोनों मित्र नाव के आने का इंतजार कर रहे थे उन्हीं के साथ एक बुजुर्ग व्यक्ति भी खड़े थे। दोनों लड़के आपस में बात कर रहे थे। जिनमें से एक लड़का बोला जब तक मैं अपने जीवन में बहुत सारा पैसा नहीं कमा लेता और अपने सारे सपनों को पूरा नहीं कर लेता तब तक अपने जीवन को सही से नहीं जिऊंगा चाहे कुछ भी हो। तभी नाव आ गई और दोनों लड़के नाव में बैठकर जाने लगे जब लड़कों ने बुजुर्ग से कहा कि बाबा आप भी चले आप भी नाव का इंतजार कर रहे थे तब बुजुर्ग ने कहा कि जब नदी का भाव रुक जाएगा और नदी बहनी बंद हो जाएगी तब मैं नदी पार करूंगा। तब दोनों लड़के और नाव वाला हंसने लगा फिर लड़के ने कहा बाबा नदी कभी बहनी बंद नहीं होगी मतलब आप कभी भी नदी पार नहीं कार पाएंगे तब बुजुर्ग ने बताया मैं तुम्हारी बातें सुन रहा था। इसी प्रकार तुम्हें भी सोचना चाहिए कि जीवन मे चाहे जितना कर लो पर हमें कभी नहीं लगता हम कामयाब हो गए हैं या यह जीवन जीने का समय है तुम्हारी ख्व...

एकता में अद्भुत शक्ति होती है (Unity has Amazing Power)

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एकता में अद्भुत शक्ति होती है (Unity has Amazing Power) एक बार दो भाइयों की आपस लड़ाई हो गई जिसके बाद बड़ा भाई बहुत पछताया और अपने मन की निराशा को लेकर गांव के बुजुर्ग व्यक्ति के पास गया और कहा मुझे कुछ ऐसा समझाइए जिससे हमारी कभी लड़ाई न हो। बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा तुम मेरे साथ चलो वह चल दिया चलते चलते उन्हें एक कुत्ता दिखा जिसे बुर्जुग व्यक्ति ने छोटा पत्थर मारा कुत्ता डर कर भाग गया जिससे लड़के को कुछ समझ नहीं आया । फिर वह दोनों आगे गए तब बुजुर्ग ने कहा रुक जाओ यहां पर मधुमक्खी का छत्ता है बुर्जुग ने एक छोटा पत्थर लिया और छत्ते में मारा बहुत सारी मधुमक्खियां छत्ते से बाहर आ गई और बुजुर्ग एवं लड़के को बहुत दौड़ाया कई जगह काटा भी। बुर्जुग की इस हरकत से लड़के को बहुत हंसी आई जिसके बाद उसने बुजुर्ग से ऐसा करने का कारण पूछा तब बुजुर्ग व्यक्ति में बताया कि जब हमने कुत्ते को पत्थर मारा था तब वह अकेला था। इसलिए हमने उसे परेशान कर लिया और वह कुछ नहीं कर पाया पर यह मधुमक्खियां हमेशा झुंड में रहती हैं इसलिए लोग इनसे डरते हैं यदि किसी ने इन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करी तो यह उसे बहुत दर्द ...

अनपढ़ बेटा (Illiterate son)

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अनपढ़ बेटा  (Illiterate son)    एक कुएं से चार महिलाएं पानी भर रही थी तभी एक महिला बोली मेरा बेटा कई वर्षों से आश्रम में शिक्षा ले रहा था वह ज्योतिषी बन चुका है जिससे मेरा एवं उसका जीवन धन्य हो गया। दूसरी महिला बोली मेरा बेटा डॉक्टर बन चुका है और अब वह जीवन में सफल भी हो चुका है और वह हमारा सम्मान भी करता है। तीसरी महिला बोली मेरा बेटा विद्यालय में बच्चों को पढ़ाता है और शिक्षक बन चुका है वह महिलाएं अपने बच्चों की काबिलियत एक दूसरे को बता रही थी तभी उन महिलाओं ने चौथी महिला से पूछा कि तुम भी बताओ तुम्हारा बेटा क्या करता है। तब उस महिला ने बताया कि मेरा बेटा अनपढ़ है एवं वह खेतों में मजदूरी करता है यह सुनने के बाद बाकी महिलाएं हंसने लगी इससे उस महिला को बहुत ज्यादा बुरा लगा। वह सभी पानी भरकर अपने घर की तरफ जा रही थी तभी पहली महिला का ज्योतिषी बेटा आया जोकी रास्ते से अपने घर की तरफ जा रहा था अपनी मां की सहेलियों को देख कर उसने सभी को प्रणाम किया, और वहां से चला गया थोड़ा आगे जाने के बाद दूसरी महिलाओं के डॉक्टर एवं शिक्षक बेटे आए उन्होंने भी महिलाओं को प्रणाम किया एवं अपने घ...

आप ठान लें तो कुछ भी संभव है, If You Are Determined, Anything is Possible.

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आप ठान लें तो कुछ भी संभव है, If You Are Determined, Anything is Possible. एक बार की बात है एक राहुल नाम का युवक था, जिसने देश के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ने का सपना देखा था। उन्होंने अपने बुजुर्गों से पहाड़ के बारे में कहानियाँ सुना करता था, जो कहते थे कि पहाड़ो पर चढ़ाई करना बहुत ही खतरनाक और कठिन काम है । लेकिन राहुल ने पहाड़ की शीर्ष पर पहुंचने की ठान ली थी। उसने एक सुबह जल्दी अपनी यात्रा शुरू की, और वह कई दिनों तक चलता रहा। रास्ता कठिन और जोखिम भरा था, और राहुल को अक्सर चट्टानों और पत्थरों पर चढ़ना पड़ता था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी । एक दिन राहुल पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच गया। वह थका हुआ और कमजोर महसूस कर रहा था, लेकिन वह खुशी से भी भरा हुआ था। उसने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया, और उसने खुद को साबित कर दिया था कि वह जो कुछ भी ठान लेता है उसे पूरा किए बिना नही रूकता । जैसे ही वह युवक पहाड़ की चोटी पर खड़ा हुआ, उसने ज़मीन की ओर देखा। उसने हर दिशा में मीलों तक देखा, और उसे शांति और उपलब्धि की अनुभूति महसूस हुई। वह जानता था कि वह इस पल को कभी नहीं भूलेगा। राहुल की कहानी हमे ...

एक ईमानदार लड़का , An honest boy

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एक ईमानदार लड़का , An honest boy एक गांव में एक लड़का रहता था। उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसके मन में विचार आया किसी बड़े शहर में जाकर वह नौकरी करे। वह कलकत्ता गया और नौकरी ढूंढने लगा। बहुत खोज के बाद उसे एक सेठ के घर में नौकरी मिल गयी। काम था सेठ को रोज़ 6 घंटे अख़बार और किताब पढ़कर सुनाना लड़के को नौकरी की ज़रूरत थी तो उसने वह नौकरी स्वीकार कर ली। एक दिन की बात है लड़के को दुकान के कोने में 100-100 के 8 नोट पड़े मिले। उसने चुपचाप उन्हें अख़बार और किताबो से ढक दिया। दूसरे दिन रुपयों की खोजबीन हुई। लड़का सुबह जब दुकान पर आया तो उससे पूछा गया। लड़के ने तुरंत ही प्रसनन्ता से रूपये निकालकर ग्राहक को दे दिए। वह बहुत ही खुश हुआ। लड़के के ईमानदारी से सबको बहुत प्रसन्‍नता हुई। सेठ भी लड़के से बहुत खुश हुआ। सेठ ने लड़के को पुरस्कार देना चाहा तो लड़के ने लेने से मना कर दिया। लड़के ने कहा सेठ जी में आगे पढ़ना चाहता हूँ। पर पैसों के आभाव से पढ़ नहीं पा रहा। आप कुछ सहायता कर दें। सेठ ने लड़के की पढ़ाई का प्रबंध कर दिया। लड़का बहुत मेहनत से पढ़ता गया। यही लड़का आगे चलकर बहुत बड़ा साहित्यकार बना।  इसका नाम थ...

सफलता का रहस्य - सुकरात

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एक बार एक व्यक्ति ने महान Philosopher सुकरात से पूछा कि - “सफलता का रहस्य क्या है?” –  What is the secret of success?  सुकरात ने उस इंसान को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे अपने प्रश्न का जवाब मिलेगा। जब दूसरे दिन सुबह वह व्यक्ति नदी के पास मिला तो सुकरात ने उसको नदी में उतरकर, नदी की  गहराई मापने के लिए कहा।    वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा। जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए झटपटाने लगा, कोशिश करने लगा लेकिन सुकरात थोड़े ज्यादा Strong थे। सुकरात ने उसे काफी देर तक पानी में डुबोए रखा। कुछ समय बाद सुकरात ने उसे छोड़ दिया और उस व्यक्ति ने जल्दी से अपना मुंह पानी से बाहर निकालकर जल्दी जल्दी साँस ली। सुकरात ने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे?”  व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था।”   सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उत्‍तर है। जब तुम सफलता को उतनी ही  तीव्र इच्छा से चाह...

जहा चाह वही राह.......

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जहा चाह वही राह....... एक बार की बात है, एक गरीब औरत थी जिसका नाम मनीषा था। वह एक छोटे से गाँव में अपने माता-पिता और छोटे भाई-बहनों के साथ रहती थी। उसके पिता एक किसान थे, लेकिन खेत बहुत उपजाऊ नहीं था, और वे अक्सर किसी तरह से गुजारा करते थे। मनीषा एक बुद्धिमान और जिज्ञासु लड़की थी। वह अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानना पसंद करती थी। वह एक वैज्ञानिक बनने का सपना देखती थी, लेकिन वह जानती थी कि अपने परिवार की वित्तीय स्थिति के कारण उसे अपना लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा । एक दिन, मनीषा के पिता बीमार पड़ गए। वह काम करने में असमर्थ थे, और परिवार की आय और भी कम हो गई। मनीषा को अपने परिवार की मदद करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। मनीषा ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कड़ी मेहनत की। उसने घरों की सफाई और खेतों में काम करने जैसे अजीब-अजीब काम किए। उसने स्थानीय बाजार में सब्जियां बेचना भी शुरू किया। अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, मनीषा ने वैज्ञानिक बनने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। वह देर रात तक पढ़ाई करती थी और स्थानीय पुस्तकालय से किताबें उधार लेती थी। उसने घर पर भी अपने स्वयं के प्रय...