Posts

Showing posts from October, 2024

एक ईमानदार लड़का , An honest boy

Image
एक ईमानदार लड़का , An honest boy एक गांव में एक लड़का रहता था। उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसके मन में विचार आया किसी बड़े शहर में जाकर वह नौकरी करे। वह कलकत्ता गया और नौकरी ढूंढने लगा। बहुत खोज के बाद उसे एक सेठ के घर में नौकरी मिल गयी। काम था सेठ को रोज़ 6 घंटे अख़बार और किताब पढ़कर सुनाना लड़के को नौकरी की ज़रूरत थी तो उसने वह नौकरी स्वीकार कर ली। एक दिन की बात है लड़के को दुकान के कोने में 100-100 के 8 नोट पड़े मिले। उसने चुपचाप उन्हें अख़बार और किताबो से ढक दिया। दूसरे दिन रुपयों की खोजबीन हुई। लड़का सुबह जब दुकान पर आया तो उससे पूछा गया। लड़के ने तुरंत ही प्रसनन्ता से रूपये निकालकर ग्राहक को दे दिए। वह बहुत ही खुश हुआ। लड़के के ईमानदारी से सबको बहुत प्रसन्‍नता हुई। सेठ भी लड़के से बहुत खुश हुआ। सेठ ने लड़के को पुरस्कार देना चाहा तो लड़के ने लेने से मना कर दिया। लड़के ने कहा सेठ जी में आगे पढ़ना चाहता हूँ। पर पैसों के आभाव से पढ़ नहीं पा रहा। आप कुछ सहायता कर दें। सेठ ने लड़के की पढ़ाई का प्रबंध कर दिया। लड़का बहुत मेहनत से पढ़ता गया। यही लड़का आगे चलकर बहुत बड़ा साहित्यकार बना।  इसका नाम थ...

सफलता का रहस्य - सुकरात

Image
एक बार एक व्यक्ति ने महान Philosopher सुकरात से पूछा कि - “सफलता का रहस्य क्या है?” –  What is the secret of success?  सुकरात ने उस इंसान को कहा कि वह कल सुबह नदी के पास मिले, वही पर उसे अपने प्रश्न का जवाब मिलेगा। जब दूसरे दिन सुबह वह व्यक्ति नदी के पास मिला तो सुकरात ने उसको नदी में उतरकर, नदी की  गहराई मापने के लिए कहा।    वह व्यक्ति नदी में उतरकर आगे की तरफ जाने लगा। जैसे ही पानी उस व्यक्ति के नाक तक पहुंचा, पीछे से सुकरात ने आकर अचानक से उसका मुंह पानी में डुबो दिया। वह व्यक्ति बाहर निकलने के लिए झटपटाने लगा, कोशिश करने लगा लेकिन सुकरात थोड़े ज्यादा Strong थे। सुकरात ने उसे काफी देर तक पानी में डुबोए रखा। कुछ समय बाद सुकरात ने उसे छोड़ दिया और उस व्यक्ति ने जल्दी से अपना मुंह पानी से बाहर निकालकर जल्दी जल्दी साँस ली। सुकरात ने उस व्यक्ति से पूछा – “जब तुम पानी में थे तो तुम क्या चाहते थे?”  व्यक्ति ने कहा – “जल्दी से बाहर निकलकर सांस लेना चाहता था।”   सुकरात ने कहा – “यही तुम्हारे प्रश्न का उत्‍तर है। जब तुम सफलता को उतनी ही  तीव्र इच्छा से चाह...

जहा चाह वही राह.......

Image
जहा चाह वही राह....... एक बार की बात है, एक गरीब औरत थी जिसका नाम मनीषा था। वह एक छोटे से गाँव में अपने माता-पिता और छोटे भाई-बहनों के साथ रहती थी। उसके पिता एक किसान थे, लेकिन खेत बहुत उपजाऊ नहीं था, और वे अक्सर किसी तरह से गुजारा करते थे। मनीषा एक बुद्धिमान और जिज्ञासु लड़की थी। वह अपने आसपास की दुनिया के बारे में जानना पसंद करती थी। वह एक वैज्ञानिक बनने का सपना देखती थी, लेकिन वह जानती थी कि अपने परिवार की वित्तीय स्थिति के कारण उसे अपना लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा । एक दिन, मनीषा के पिता बीमार पड़ गए। वह काम करने में असमर्थ थे, और परिवार की आय और भी कम हो गई। मनीषा को अपने परिवार की मदद करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। मनीषा ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए कड़ी मेहनत की। उसने घरों की सफाई और खेतों में काम करने जैसे अजीब-अजीब काम किए। उसने स्थानीय बाजार में सब्जियां बेचना भी शुरू किया। अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, मनीषा ने वैज्ञानिक बनने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। वह देर रात तक पढ़ाई करती थी और स्थानीय पुस्तकालय से किताबें उधार लेती थी। उसने घर पर भी अपने स्वयं के प्रय...