खुश रहने का मूल मंत्र (Basic Mantra to Be Happy)
खुश रहने का मूल मंत्र (Basic Mantra to Be Happy)
एक बार दो मित्र अपने गांव तक जाने के लिए नदी को पार करने के लिए पहुंचे जहां से उन्हें नाव में बैठकर नदी को पार करना था दोनों मित्र नाव के आने का इंतजार कर रहे थे उन्हीं के साथ एक बुजुर्ग व्यक्ति भी खड़े थे। दोनों लड़के आपस में बात कर रहे थे।
जिनमें से एक लड़का बोला जब तक मैं अपने जीवन में बहुत सारा पैसा नहीं कमा लेता और अपने सारे सपनों को पूरा नहीं कर लेता तब तक अपने जीवन को सही से नहीं जिऊंगा चाहे कुछ भी हो।
तब दोनों लड़के और नाव वाला हंसने लगा फिर लड़के ने कहा बाबा नदी कभी बहनी बंद नहीं होगी मतलब आप कभी भी नदी पार नहीं कार पाएंगे तब बुजुर्ग ने बताया मैं तुम्हारी बातें सुन रहा था।
इसी प्रकार तुम्हें भी सोचना चाहिए कि जीवन मे चाहे जितना कर लो पर हमें कभी नहीं लगता हम कामयाब हो गए हैं या यह जीवन जीने का समय है तुम्हारी ख्वाहिशें कभी खत्म नहीं होंगी क्योंकि इंसान हमेशा किसी न किसी चीज की इच्छा रखता है।
पर जब तुम बूढ़े हो जाओगे तब पछताओगे इसलिए जीवन जैसा भी है उसे खुशी के साथ जीते रहो इसी में आनंद है और यही सच्चा सुख है जिससे लड़के को समझ में आ गया कि बुजुर्ग की बात सच्ची है और उसने जीवन जैसा भी उसे खुशी से जीने का फैसला किया।
इस Motivational Story से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में इच्छाओं का कोई अंत नहीं होता हमेशा किसी बड़े लक्ष्य के इंतजार में जीवन को टालने के बजाय वर्तमान में खुशी और संतोष के साथ जीना चाहिए यही जीवन में खुश रहने का मूल मंत्र है।
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